गणेश चतुर्थी के बारे में 10 बातें
गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक चलने वाला हिंदू पर्व है, जो बुद्धि, समृद्धि और शुभता के देवता भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है। इस पर्व में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना, दैनिक पूजा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और अंत में प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी भारत में, विशेष रूप से महाराष्ट्र में, सबसे जीवंत हिंदू त्योहारों में से एक है, जो बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है और घरों व सार्वजनिक पंडालों में सजी-धजी मूर्तियों की स्थापना, दैनिक पूजा, सामुदायिक भागीदारी और गणेश विसर्जन के भव्य आयोजन के लिए जाना जाता है। यह पर्व पर्यावरण के प्रति जागरूकता पर भी जोर देता है, जिसमें पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियों का प्रचलन बढ़ रहा है।
यहां गणेश चतुर्थी के बारे में 10 प्रमुख बातें दी गई हैं:
1. भगवान गणेश का जन्म उत्सव: गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म का पर्व है, जो बुद्धि, समृद्धि और शुभता के देवता माने जाते हैं।
2. ऐतिहासिक महत्व: इस पर्व की शुरुआत मराठा साम्राज्य के समय से हुई थी, लेकिन लोकमान्य तिलक ने 1893 में इसे सार्वजनिक रूप से मनाना शुरू किया, ताकि भारतीयों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट किया जा सके।
3. 10 दिवसीय पर्व: गणेश चतुर्थी का पर्व आमतौर पर 10 दिन तक मनाया जाता है, जो भाद्रपद महीने के चौथे दिन (चतुर्थी) से शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है।
4. प्रतिमाओं की स्थापना: भक्त भगवान गणेश की सुंदर मूर्तियों को घर या सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित करते हैं। इन मूर्तियों की पूरे पर्व के दौरान श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है।
5. पूजा और प्रसाद: प्रतिदिन गणेश जी की पूजा में मंत्रोच्चार, आरती और मोदक जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं, जिसे गणेश जी का प्रिय भोजन माना जाता है।
6. सामुदायिक आयोजन: विशेष रूप से महाराष्ट्र में, सार्वजनिक गणेशोत्सव के रूप में बड़े पैमाने पर सामुदायिक आयोजन होते हैं, जिनमें पंडाल सजाए जाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
7. पर्यावरणीय चिंता: पारंपरिक रूप से मूर्तियाँ मिट्टी की बनाई जाती थीं, लेकिन आधुनिक समय में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियाँ अधिक प्रचलित हो गई हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं। इसलिए, आजकल पर्यावरण के अनुकूल गणेश मूर्तियों का प्रचलन बढ़ रहा है।
8. गणेश विसर्जन: अंतिम दिन, अनंत चतुर्दशी के दिन, गणेश प्रतिमाओं को धूमधाम से शोभायात्रा निकालकर पानी में विसर्जित किया जाता है, जो सृष्टि और प्रलय के चक्र का प्रतीक है।
9. वैश्विक उत्सव: गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र में सबसे अधिक लोकप्रिय है, लेकिन यह भारत के अन्य हिस्सों और भारतीय प्रवासियों द्वारा भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जैसे कि यूके, यूएसए और ऑस्ट्रेलिया में।
10. प्रतीकात्मकता: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है, और उनका पर्व शुभ कार्यों की शुरुआत, सफलता की कामना और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने का प्रतीक है।
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