गोधरा कांड पर किताबें वापस मंगाने के बाद सरकार ने पुस्तकालय समिति का पुनर्गठन किया

Author avatarSuresh
06 नवंबर, 2024
गोधरा कांड पर किताबें वापस मंगाने के बाद सरकार ने पुस्तकालय समिति का पुनर्गठन किया

जयपुर: स्कूल शिक्षा विभाग ने मंगलवार को अपनी पुस्तकालय पुस्तक चयन एवं क्रय समिति का पुनर्गठन किया। इससे कुछ दिन पहले ही सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों से उन पुस्तकों को वापस मंगाया गया था जिनमें गुजरात के गोधरा में 2002 में हुई घटना से संबंधित सामग्री थी।


जयपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पुस्तकालयों के लिए किताबों का चयन करने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा परिषद ने लाइब्रेरी पुस्तक चयन एवं क्रय समिति का गठन किया है। इस समिति में शिक्षा-पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के विशेष कार्य अधिकारी सतीश गुप्ता को विशेष सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया है। इसके अलावा, समिति में कुल 13 अन्य सदस्यों को भी शामिल किया गया है जो आगामी सत्र 2024-25 के लिए पुस्तकों का चयन करेंगे।

समिति की भूमिका

यह समिति सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में विद्यार्थियों के विकास हेतु उपयुक्त पुस्तकों का चयन करेगी। इसके माध्यम से छात्रों को विभिन्न विषयों पर ज्ञानवर्धक पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि उनके शैक्षणिक और बौद्धिक विकास में सहयोग मिल सके।

विवादित पुस्तकों का चयन और विवाद

गौरतलब है कि पिछले वर्ष 2023 में तत्कालीन समिति ने कुछ ऐसी किताबों का चयन किया था जिन पर विवाद खड़ा हो गया था। इनमें हर्ष मंदर की लिखी 'अदृश्य लोग' और माधव गाडगिल की 'जीवन की बहार' जैसी किताबें शामिल थीं। इन पुस्तकों में गोधरा कांड के आरोपियों को महिमा मंडित करने का आरोप लगाया गया था, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों में असंतोष फैल गया था। इस मुद्दे पर काफी विवाद हुआ, और सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

नए दिशा-निर्देश और सतर्कता

इस बार चयन प्रक्रिया में इस प्रकार के विवादों से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने कहा है कि इस बार चयन समिति द्वारा ऐसी पुस्तकें चुनी जाएंगी जो विद्यार्थियों की शैक्षणिक जरूरतों और नैतिक विकास को ध्यान में रखते हुए चयनित होंगी, ताकि शिक्षा के साथ-साथ सकारात्मक सोच का विकास भी हो।

इस समिति का गठन यह सुनिश्चित करेगा कि लाइब्रेरी में रखी जाने वाली पुस्तकें केवल छात्रों के शैक्षणिक और बौद्धिक विकास पर केंद्रित हों।