About | छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) , CHANDIGARH Check here latest notification

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) राज्य के विभिन्न प्रशासनिक पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों की भर्ती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय संविधान के तहत स्थापित यह आयोग एक स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करता है, जो निष्पक्ष और पारदर्शी चयन प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है। यह लेख CGPSC के गठन, कार्य, प्रमुख परीक्षाओं और सरकारी पदों पर चयन हेतु इसके महत्व को समझाने का प्रयास है।

CGPSC का इतिहास और गठन

CGPSC की स्थापना 2001 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद की गई थी। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत राज्य लोक सेवा आयोग स्थापित किए जाते हैं, जिससे राज्यों को अपनी भर्ती प्रक्रियाओं में स्वतंत्रता मिलती है। तब से, CGPSC राज्य की सेवा में योग्य व्यक्तियों को चयनित करके प्रशासनिक दक्षता में सुधार का कार्य कर रहा है।

CGPSC के उद्देश्य

CGPSC के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  1. भर्ती: राज्य सरकार के विभिन्न पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों की परीक्षा आयोजित करना।
  2. सलाहकार भूमिका: राज्य सरकार को भर्ती, पदोन्नति और अनुशासनात्मक कार्रवाई में परामर्श देना।
  3. नियमों का निर्माण: राज्य सेवाओं में भर्ती और नियुक्ति के लिए नियमों का निर्माण करना।
  4. परीक्षाओं का आयोजन: सीधी भर्ती और विभागीय परीक्षाओं का आयोजन करना।

CGPSC के प्रमुख कार्य

CGPSC की मुख्य जिम्मेदारियों में शामिल हैं:

  • प्रतियोगी परीक्षाओं द्वारा भर्ती: राज्य सेवा परीक्षा, इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा और वन सेवा परीक्षा जैसी प्रमुख परीक्षाओं का आयोजन करना।
  • पदोन्नति और स्थानांतरण: राज्य सेवाओं में निष्पक्ष और योग्यता-आधारित पदोन्नति और स्थानांतरण सुनिश्चित करना।
  • अनुशासनात्मक मामले: राज्य सरकार को अनुशासनात्मक मामलों में उचित परामर्श प्रदान करना।
  • सेवा नियम: सेवा नियमों का निर्माण, जो राज्य कर्मचारियों की भर्ती, पदोन्नति और सेवा शर्तों का मार्गदर्शन करते हैं।