भारतीय रिजर्व बैंक

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) भारत का मुद्रित संचालन करने वाला संघीय बैंक है जो देश की मौद्रिक नीति का पर्यवेक्षण करता है, वित्तीय प्रणाली को विनियमित करता है और भारतीय रूपया को मुद्रित करता है और प्रबंधित करता है। 1935 में ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान स्थापित की गई, RBI भारतीय अर्थव्यवस्था के स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कार्य और जिम्मेदारियां:

मौद्रिक नीति: RBI मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने, मूल्यों को स्थिर करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मौद्रिक नीतियाँ तैयार करता है और लागू करता है। यह मुद्रा आपूर्ति और ब्याज दरों को प्रभावित करने के लिए रेपो दर, रिवर्स रेपो दर और मुद्रा बाजार के आपरेशन जैसे विभिन्न उपकरणों का उपयोग करता है।

बैंकिंग नियामकन: RBI भारत में बैंक और वित्तीय संस्थानों का नियामन और पर्यवेक्षण करता है ताकि बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित की जा सके। यह लाइसेंस प्रदान करता है, पूंजीकरण आवश्यकताओं को निर्धारित करता है, और निरीक्षण का आयोजन करता है।

मुद्रा जारी करना: RBI को भारतीय रुपया जारी करने और प्रबंधित करने की एकमात्र अधिकार है। यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक मुद्राओं और सिक्कों की पर्याप्त आपूर्ति होती है।

विदेशी मुद्रा प्रबंधन: यह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करता है और विदेशी मुद्रा नियंत्रण से संबंधित नीतियों को तैयार करता है।

विकासात्मक भूमिका: RBI वित्तीय सेक्टर के विकास के लिए प्रायोजनाओं को समर्थन और समर्थन प्रदान करता है, जैसे कि भुगतान और बंदरगाह प्रणाली की स्थापना और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।

सरकार के लिए बैंकर: यह केंद्रीय और राज्य सरकारों के बैंकर और वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्य करता है, उनके उधारणा करता है और उनके खातों का प्रबंधन करता है।

वित्तीय स्थिरता: RBI देश की अवलोकनीय वित्तीय स्थिरता का मॉनिटरिंग करता है और आवश्यकता होने पर सिस्टमिक संकटों को रोकने के लिए हस्तक्षेप करता है।

शोध और डेटा: इस संस्थान द्वारा आर्थिक शोध किया जाता है, वित्तीय डेटा को एकत्र किया और प्रकाशित किया जाता है, और आर्थिक विश्लेषण और पूर्वानुमान प्रदान किए जाते हैं।

प्रबंधन:

RBI के गवर्नर के प्रमुखित सेंट्रल बोर्ड के द्वारा प्रबंधित किया जाता है। सेंट्रल बोर्ड को भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। बैंक के कार्यों और नीतियों को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के अनुसार मार्गदर्शित किया जाता है।

संक्षेप में, भारतीय रिज़र्व बैंक भारत की आर्थिक और वित्तीय परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करता है, बैंक और वित्तीय संस्थानों को विनियमित करता है, और आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मौद्रिक नीतियां तैयार करता है।