उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना | पूरी जानकारी देखें

09 जून, 2024
Uttarakhand

( State Level )

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का उद्देश्य उत्तराखंड लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह योजना राष्ट्रीयकृत, क्षेत्रीय ग्रामीण, राज्य सहकारी और अन्य अनुसूचित बैंकों के माध्यम से मजदूरों को अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान करती है। इसमें आवेदन प्रक्रिया, पात्रता मानदंड और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

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Highlights

Mode of Apply
Online
Mininum Age
18 Years
Maximum Age
45 Years
उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना | पूरी जानकारी देखें

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का उद्देश्य :-

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का उद्देश्य प्रदेश के कुशल युवा और प्रवासी श्रमिकों को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत विभिन्न उपाय और सहायता प्रदान की जाती है ताकि प्रदेश के युवाओं और प्रवासी श्रमिकों को अपने व्यवसाय शुरू करने में मदद मिल सके।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-

1. स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना -

  • राज्य के युवाओं और प्रवासी श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना। इससे बेरोजगारी की समस्या को कम करने में सहायता मिलेगी।

2. आर्थिक सशक्तिकरण -

  • युवाओं और प्रवासी श्रमिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना ताकि वे अपने व्यवसाय शुरू कर सकें और राज्य की आर्थिक प्रगति में योगदान दे सकें।

3. रियायती दरों पर वित्तीय सहायता -

  • स्वरोजगार के इच्छुक लाभार्थियों को रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराना। इससे उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक पूंजी प्राप्त करने में आसानी होगी और वित्तीय बोझ कम होगा।

4. स्थानीय उद्योगों का विकास -

  • छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों को बढ़ावा देना ताकि राज्य में नए उद्योग स्थापित हो सकें और रोजगार के नए अवसर पैदा हों। यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में समान रूप से लागू किया जाएगा।

5. प्रवासी श्रमिकों का पुनर्वास -

  • राज्य में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करना ताकि वे अपने परिवार के साथ रहकर जीवन यापन कर सकें और राज्य के विकास में योगदान दे सकें।

6. कौशल विकास और प्रशिक्षण -

  • युवाओं और प्रवासी श्रमिकों के कौशल को उन्नत करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना। इससे वे नए कौशल सीख सकेंगे और अपने व्यवसाय को बेहतर तरीके से चला सकेंगे।

7. समग्र विकास -

  • प्रदेश के समग्र विकास के लिए विभिन्न व्यवसायों और सेवाओं को बढ़ावा देना। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ मिलेगा।

8. स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन -

  • स्थानीय स्तर पर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं को बढ़ावा देना। इससे न केवल स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि राज्य के बाहर भी उनके उत्पादों की मांग बढ़ेगी।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं और प्रवासी श्रमिकों को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना और राज्य की आर्थिक प्रगति में उनका योगदान सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण कार्यक्रम लाभार्थियों को व्यवसाय शुरू करने और सफलतापूर्वक संचालित करने में मदद करेंगे।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत उपलब्ध लाभ :-

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का उद्देश्य राज्य के कुशल युवाओं और प्रवासी श्रमिकों को स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न लाभ प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित लाभ उपलब्ध हैं:

1. वित्तीय सहायता -

  • रियायती ऋण - योजना के अंतर्गत रियायती दरों पर ऋण प्रदान किया जाता है, ताकि लाभार्थियों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक पूंजी आसानी से मिल सके। इन ऋणों पर ब्याज दर सामान्य बाजार दरों से कम होती है।
  • अनुदान - कुछ मामलों में, योजना के अंतर्गत अनुदान भी प्रदान किया जा सकता है, जिससे लाभार्थियों का वित्तीय बोझ कम हो जाता है।

2. ऋण राशि - योजना के अंतर्गत उपलब्ध ऋण राशि व्यवसाय के प्रकार और उद्यमी की विशेष आवश्यकताओं के आधार पर भिन्न होती है। आम तौर पर, यह राशि व्यवसाय शुरू करने की लागत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कवर करती है, ताकि प्रारंभिक पूंजी की कमी व्यवसाय स्थापना में बाधा न बने।

3. लक्षित लाभार्थी - योजना का मुख्य उद्देश्य कुशल युवाओं और प्रवासी श्रमिकों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे अपने कौशल का उपयोग कर सकें और अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें।

4. विभिन्न क्षेत्रों में सहायता - योजना में कृषि, विनिर्माण, सेवा और अन्य क्षेत्र शामिल हैं। यह विभिन्न पृष्ठभूमि और विभिन्न रुचियों वाले लोगों को लाभान्वित करती है।

5. सरल आवेदन प्रक्रिया - योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग बिना किसी नौकरशाही बाधा के आवेदन कर सकें।

6. विविध व्यावसायिक विचारों को सहायता - चाहे वह पारंपरिक व्यवसाय हो, लघु उद्योग हो या कोई अभिनव स्टार्टअप हो, योजना सभी प्रकार के व्यावसायिक विचारों का समर्थन करती है। यह समावेशिता लाभार्थियों में रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देती है।

7. कौशल विकास और प्रशिक्षण -

  • योजना के लाभार्थियों को उनके उद्यमशीलता कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किए जाते हैं। इससे उन्हें अपना व्यवसाय बेहतर ढंग से चलाने में मदद मिलेगी।
  • व्यवसाय प्रबंधन, विपणन, वित्तीय नियोजन और अन्य महत्वपूर्ण कौशल को कवर करने के लिए कार्यशालाएं, सेमिनार और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाते हैं।

8. मार्गदर्शन और परामर्श -

  • वित्तीय सहायता के साथ-साथ लाभार्थियों को अनुभवी पेशेवरों से मार्गदर्शन और परामर्श भी मिलता है। यह सहायता नए उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने और चलाने में आने वाली चुनौतियों को समझने और उनका सामना करने में मदद करती है।
  • व्यवसाय नियोजन, बाजार विश्लेषण और रणनीतिक निर्णय लेने में सहायता के लिए परामर्श सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।

9. बाजार संपर्क - यह योजना बाजार संपर्क स्थापित करने में मदद करती है, जिससे उद्यमियों को अपने उत्पादों या सेवाओं के लिए खरीदार मिल सकें। यह व्यवसाय शुरू होने के बाद राजस्व सृजन के अवसर प्रदान करता है।

10. बुनियादी ढाँचा समर्थन - कुछ मामलों में, योजना के तहत व्यवसाय शुरू करने के लिए जगह, विनिर्माण के लिए उपकरण और आवश्यक सुविधाएँ जैसे बुनियादी ढाँचे प्रदान किए जाते हैं।

11. निगरानी और मूल्यांकन - योजना के तहत स्थापित व्यवसायों की लगातार निगरानी और मूल्यांकन किया जाता है ताकि लाभार्थी सही रास्ते पर हों और उन्हें समय पर सहायता मिले। इससे व्यवसाय की स्थिरता और विकास सुनिश्चित होता है।

12. स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा - स्वरोजगार को बढ़ावा देकर, यह योजना स्थानीय उद्योगों और व्यवसायों के विकास को प्रोत्साहित करती है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। इससे शहरी क्षेत्रों में नौकरियों की तलाश में पलायन भी कम होता है।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत सहायता :-

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को निम्नलिखित सहायता प्रदान की जाती है: -

1. ऋण सुविधा - योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को ₹5 लाख तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इस ऋण का ब्याज दर अधिकृत बैंकों के द्वारा निर्धारित की जाती है।

2. ब्याज सब्सिडी - योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को ऋण पर ब्याज दर में सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसका उदाहरण के तौर पर, यदि ब्याज दर 12% है तो सरकार ब्याज दर का 6% तक सब्सिडी प्रदान कर सकती है, जिससे ब्याज दर 6% तक हो सकती है।

3. प्रशिक्षण की सुविधा - योजना के तहत लाभार्थियों को उनके व्यवसाय की जरूरी प्रशिक्षण या कौशल विकास की सुविधा भी प्रदान की जाती है।

4. व्यवसायिक परामर्श - लाभार्थियों को उनके व्यवसाय के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनका व्यवसाय सफलतापूर्वक चल सके।

यह सहायता उत्तराखंड के निवासियों को स्वरोजगार के अवसरों को उनके पास लाने में मदद करती है और उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने में सहायक होती है।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत पात्रता :-

1. स्थायी निवासी - आवेदक उत्तराखंड का स्थायी निवासी होना चाहिए।

2. आयु - इस योजना का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।

3. परिवार की पात्रता - एक आवेदक या उनके परिवार का कोई सदस्य इस योजना के तहत केवल एक बार लाभ प्राप्त कर सकता है।

4. शैक्षिक योग्यता - इस योजना के लिए किसी विशेष शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है।

5. पहले से अन्य योजनाओं का लाभ न लिया हो - 

  • आवेदक ने पिछले 5 वर्षों में भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना का लाभ नहीं लिया होना चाहिए।

6. विशेष श्रेणियों के लिए प्रावधान -

  • अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, अन्य पिछड़ा वर्ग, भूतपूर्व सैनिक, महिलाएं और विकलांग व्यक्ति विशेष श्रेणियों में आते हैं और उन्हें सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी प्रासंगिक प्रमाण पत्रों की प्रतिलिपि आवेदन के साथ जमा करनी होगी।

7. पहले आओ पहले पाओ - 

  • लाभार्थियों का चयन 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर किया जाएगा, अगर एक ही परियोजना के लिए कई आवेदन प्राप्त होते हैं, तो परियोजना की व्यवहार्यता को ध्यान में रखते हुए चयन किया जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य राज्य के युवाओं और प्रवासी श्रमिकों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज :-

1. आवेदन पत्र - भरा हुआ और हस्ताक्षरित आवेदन पत्र।

2. आधार कार्ड - आवेदक का आधार कार्ड।

3. निवास प्रमाण पत्र - उत्तराखंड का स्थायी निवासी प्रमाण पत्र।

4. आयु प्रमाण पत्र - जन्म प्रमाण पत्र या आयु साबित करने के लिए 10वीं की अंक तालिका।

5. पासपोर्ट साइज फोटो - हाल ही में ली गई पासपोर्ट साइज फोटो।

6. परियोजना रिपोर्ट - प्रस्तावित परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट।

7. बैंक खाता विवरण - आवेदक का बैंक पासबुक या खाता विवरण।

8. राशन कार्ड - राशन कार्ड (यदि लागू हो)।

9. शैक्षिक प्रमाण पत्र - शैक्षिक योग्यता के प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।

10. अन्य पहचान पत् - पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि।

11. विशेष श्रेणियों के प्रमाण पत्र - अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, अन्य पिछड़ा वर्ग, भूतपूर्व सैनिक, महिलाएं और विकलांग व्यक्ति के लिए प्रासंगिक प्रमाण पत्र।

12. न्यायालय द्वारा जारी प्रमाण पत्र - यदि लागू हो, तो न्यायालय द्वारा जारी किया गया कोई प्रमाण पत्र।

इन दस्तावेज़ों को सही तरीके से प्रस्तुत करने से यह सुनिश्चित होता है कि आवेदक योजना के तहत सभी योग्यता मानदंडों को पूरा करता है और उसे लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र माना जाएगा।

How to apply

  1. आवेदन करने की प्रक्रिया

    सबसे पहले उत्तराखंड स्वरोजगार योजनाओं की वेबसाइट https://msy.uk.gov.in पर जाएं।

    फिर मुख्य पेज पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिंक का चयन करें।

    चयन के बाद योजना से संबंधित कुछ जानकारी प्रदर्शित होगी।

    पंजीकरण के लिंक का चयन करें और अपना विवरण दर्ज करें।

    उम्मीदवार को लॉगिन विवरण उनके मोबाइल नंबर और ईमेल पर भेजा जाएगा।

    लॉगिन विवरण का उपयोग करके योजना के आवेदन के लिए लॉगिन करें।

    लॉगिन करने के बाद, आवेदक को अपने अन्य विवरण दर्ज करने होंगे।

    उम्मीदवार को योजना से संबंधित आवश्यक दस्तावेज निर्धारित स्थान पर अपलोड करने होंगे।

Contact Persons

उत्तराखंड मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेल्पलाइन

(उत्तराखंड सरकार)

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